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प्रश्न

अपन क व्यक्तिगत मुक्तिदाता क रूप म यीशु क स्वीकार क मतलब हई?

उत्तर


क अपनु कबहु यीशु मसहि क व्यक्तिगत मुक्तिदा ता क रूप म स्वविकर किहिनन गवा हई। सवाल क अच्छी तरह स समझे क खातीर पहले आपु मसहि " व्यक्तिगत "मुक्तिदाता "जइसन सबद क मतलब क बरे समझइ चा ही? यीशु मसहि कउन हई?

बहुत स लोग यीशु मसहि क इक अच्छा मनाइ ,इक महान उपदेश्क ,या इहि तक क परमेसुर क इक नबी रूप म स्वीकार करि हई। इहि बात यीशु क बारे मा निश्चितय रूप स सही हई ,प इ पूरी तरह से इहि परिभआस नइ देति है उइ सही म कउन हई। बाईबल हमिह बतवत है कि यीशु देह म परमेसुर हई , परमेसुर मनाई क रूप म हई (देखि यूहन्ना 1:1,14 ) | परमेसुर धरती पे हमींन उपदेश देवि चगाई करि हमिह के सुधरे, माफ़ करि - अउर हमिंहन क खातीर मरि क अवा । यीशु मसहि परमेसुर सीरितुकर्ता अउर पारभुता पूरा परभु हई। काय अपन इ यीशु क स्वीकार किन्ह हई?

इक मुक्तिदाता कउन होत हई अउर हमिहन इक मुक्तिदाता क कोय जरुरत हई ? बाईबल हमहि बतवत है क हमिंहन सबै पाप किहिन है ;हमिंहन सबै बुरे कमान क करि हई (रोमियो3:10-18)| अपनु पाप क फल स्वरूप, हमिंहन परमेसुर क गुस्सा अउर न्या्य क भगी दर हई। इक असीमित अउर सन्तन परमेसुर क बि रोध पाप करें क ख़ातिर इक सही सजा असीमित दण्ड हई। (रोमियो 6:23, प्रकाशित वाक्य 20:1-15)! इहि हमिंह मुक्तिदाता क जरुरत हई!

यीशु मसहि धरती पे अवा अउर उइ हमरा जगह पे मौत क ले लिहे। यीशु क मौत हमर पाप क खातीर असीमित। दाम कब पावे रहा 2 कुरिन्थियों 5:21| यीशु न हमार पाप क दण्ड दाम खातीर मौत क पावे (रोमियो 5:8)| यीशु न दाम चुकाई ज कि हमिंहन न चकाई गवा। यीशु क मौत स फिर जीवित न इहि साबुत देहि ब उइ क मौत हमार पाप क दाम देहि हई क खतीरपरे रहा। इहि करन हई कि इक अउर ही मात्र मुकतिदाता (यहुन्ना15:6, प्रेरितों के काम 4:12)! कय आप आप पे अपनु मुक्तिदाता क रूप मा भरोसा क्र रहा हई। ?

कय यीशु आप, व्यक्ति गत "मुकिदाता हई। ? ब हुत से लोग मसिहत क गिरजा मा जेब,री ति रिवजह क पुरा " करें अउर - या कुछ निशित पाप क उइ क रूप देहि। इहि मसिहत नई हई। सची माँसहीत यीशु क साथ व्यक्तिगत सम्बंध क होवे हई। यीशु क अपनु व्यक्तिगत मुक्तिदाता क रूप मा स्वीकार करें क मतलब उइ अपन खुद क व्यक्तिगत विसवास अउर भरोसा क रखि हई। कउनु दूसर क विसवास से मुक्ति नई प सकत हई। कउनो निश्चय कामन क करें क जरिय माफ़ी प सकत हई। मुक्ति पावे क खतीर इक राह यहि हई कि अपन व्यक्तिगत् रूप स यीशुक आपन मुक्तिदा ता ,उइ मौत क अपन क दाम क देहि जाई क रूप मा भरोसा करि अउर उइ पुनुरूथन क अनगिनित जीवन क खतीर अपन निसचयी क रूप मा मानक स्वीकार करि (यूहन्ना 3:16)| कय यीशु व्यक्तिगत रूप स अपन मुकतिदाता हई "?

इहि अपन यीशु मसीह क अपन मुक्तिदाता क रूप मा ग्रहन करि चाहत हई"त परमेसुर स निम्नलिखित सब्द हई। याद रखई इ प्रथना य कउनो अउर प्रथना क बोली अपन क नइ बचा सकत हई । इक यीशु मसहि अउर सूली क ऊपर उइ क जरिय किहिन कामन म बिसवस ही से जे अपन पाप से बचा सकत हई। इहि पथएना उइ अपन बिसवास क परकट करें और अपन खतीर मुक्त क साधन करें क खतीर धन्यवाद देबि क इक तरीका हई। हे परमेसुर हमीं जनि हैं क महि न आप क बिरोध पाप करि हई अउर महि सजा क भगी दर हई। पर यीशु मसहि न उइ सजा क खुद पे ले लिहीन जउन क भगी दर हमिंहन रही त की विसवास क जरिया माफ़ी क प्ऊब । हमि मुक्ति क खतीर अपन आप बिस्वास क रखिब हई। आपके अनोखा अनुग्रह अउर माफ़ी जे अनगिनित जीवन क उपहारहई क खतीर महि अपना के धन्यवाद करि हई। “अमिन”|

जे कुछ अपन यहि पडी है कयो उ करन अपन मसहि क पीछे चले क निर्याय लिहल है? यहि इसन है त किरपा नी चे देहि हुआ “म आज क स्वविकर कर लेलाह” है। बटन क दा बीये ।

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अपन क व्यक्तिगत मुक्तिदाता क रूप म यीशु क स्वीकार क मतलब हई?
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