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प्रश्न

किसी का प्रेरित होना क्या होता है?

उत्तर


शब्द प्रेरित का अर्थ है "एक व्यक्ति जिसे भेजा गया है।" नए नियम में, प्रेरित शब्द के दो प्राथमिक उपयोग हैं। पहला विशेष रूप से यीशु मसीह के बारह प्रेरितों को उद्धृत करता है। दूसरा उन अन्य व्यक्तियों के बारे में है, जो यीशु मसीह के सन्देशवाहक/राजदूत के रूप में भेजे जाते हैं।

बारह प्रेरितों का विशेष पद था। न्यू यरूशलेम के सन्दर्भ में, प्रकाशितवाक्य 21:14 में ऐसे कहा गया है, "नगर की शहरपनाह की बारह नींवे थीं, और उन पर मेम्ने के बारह प्रेरितों के बारह नाम लिखे थे।" मत्ती 10:2; मरकुस 3:14; 4:10; 6:7; 9:35; 14:10, 17, 20; लूका 6:13; 9:1; 22:14; यूहन्ना 6:71; प्रेरितों के काम 6:2; और 1 कुरिन्थियों 15:5 में भी बारह प्रेरितों को सन्दर्भित किया गया है। यही वे बारह प्रेरित थे, जो यीशु मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के बाद सुसमाचार के पहले सन्देशवाहक थे। यही वे बारह प्रेरित थे, जो कलीसिया की नींव - यीशु के द्वारा कोने के सिरे का पत्थर होने के साथ थे (इफिसियों 2:20)।

यह विशेष प्रकार का प्रेरित आज कलीसिया में विद्यमान नहीं है। इस प्रकार के प्रेरितों की योग्यताएँ निम्न थीं: (1) उन्होंने पुनरुत्थित मसीह की गवाही दी थी (1 कुरिन्थियों 9:1), (2) उन्हें स्पष्ट रूप से पवित्र आत्मा के द्वारा चुना गया था (प्रेरितों के काम 9:15), और (3) उनमें चिन्ह और आश्‍चर्यकर्मों को प्रगट करने की क्षमता थी (प्रेरितों 2:43; 2 कुरिन्थियों 12:12)। बारह प्रेरितों का उत्तरदायित्व, कलीसिया की नींव को रखना था, यह भी उनकी विशेषता के लिए चर्चा का विषय होगा। दो हजार वर्षों पश्‍चात्, हम अभी भी उनके द्वारा रखी हुई नींव पर काम नहीं कर रहे हैं।

यीशु मसीह के बारह विशेष प्रेरितों के अतिरिक्त, वहाँ कई अन्य भी एक सामान्य अर्थ में प्रेरितों के रूप में विद्यमान थे। बरनबास को प्रेरितों के काम 13:2 और 14:4 में “प्रेरित” के रूप में जाना जाता है। रोमियों 16:7 में अन्द्रुनीकुस और यूनियास को प्रेरितों के रूप में पहचाना जाता है। इसी यूनानी शब्द जिसका अनुवाद शब्द "प्रेरित" के लिए किया गया है, का उपयोग 2 कुरिन्थियों 8:23 में तीतुस के लिए और फिलिप्पियों 2:25 में इपफ्रुदीतुस के सन्दर्भ में किया जाता है। इसलिए, यीशु मसीह के बारह प्रेषितों के अतिरिक्त किसी और को भी प्रेरित के रूप में सन्दर्भित करने के लिए निश्‍चित भाव पाया जाता है। कोई भी जो "भेजा गया" को एक प्रेरित कहा जा सकता है।

बारह प्रेरितों से परे वास्तव में एक प्रेरित की भूमिका क्या होगी? यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। शब्द की परिभाषा के अनुसार, एक प्रेरित के लिए आज सबसे निकटतम, सामान्य अर्थ, एक मिशनरी होना है। एक मिशनरी मसीह का वैसा ही अनुयायी होता है, जिसे सुसमाचार की घोषणा करने के विशेष मिशन के साथ भेजा जाता है। एक मिशनरी उन लोगों के लिए मसीह का राजदूत है, जिन्होंने शुभ सन्देश नहीं सुना है। यद्यपि, भ्रम को रोकने के लिए, आज कलीसिया में किसी भी पदवी का उल्लेख करने के लिए शब्द प्रेरित का उपयोग नहीं करना ही सबसे अच्छा है। नए नियम में शब्द प्रेरित या प्रेरितों की घटनाओं का अधिकांश प्रगटीकरण यीशु मसीह के बारह प्रेरितों के लिए ही हुआ है।

आज कुछ लोग ऐसे पाए जाते हैं, जो प्रेरितों के पद को पुन: स्थापित अर्थात् बहाल करना चाहते हैं। यह एक खतरनाक आन्दोलन है। अक्सर, जो लोग प्रेरित के पद पर होने का दावा करते हैं, वे मूल रूप से बारह प्रेरितों के अधिकार के बराबर या कम से कम उनके प्रतिद्वन्द्वियों के बराबर अधिकार चाहते हैं। आज प्रेरितों की भूमिका को समझने के लिए बाइबल का कोई प्रमाण नहीं पाया जाता है। यह नए नियम में झूठे प्रेरितों के विरूद्ध दी हुई चेतावनी के अनुरूप होगा (2 कुरिन्थियों 11:13)।

एक अर्थ में, यीशु मसीह के सभी अनुयायियों को प्रेरित होने के लिए बुलाया जाता है। हम सभों को उसके राजदूत होना है (मत्ती 28:18-20; 2 कुरिन्थियों 5:18-20)। हम सभी वे हैं, “जिन्हें भेजा गया” हैं (प्रेरितों के काम 1:8)। हम सभों को शुभ सन्देश का प्रचारक होना है (रोमियों 10:15)।

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