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प्रश्न

अन्त के समय, क्या विश्‍व का एक-ही-धर्म होगा?

उत्तर


प्रकाशितवाक्य 17:1-1 -18 में वर्णित एक-विश्‍व धर्म "बड़ी वेश्या" के रूप में अन्त-समय के दृश्य का अंश होगा। शब्द वेश्या को पुराने नियम के समय में झूठे धर्म के रूपक के रूप में प्रयोग किया जाता था। सदियों से धर्म की वास्तविक पहचान और रूप के परिवर्तन को लेकर वाद विवाद हुआ है और इसके परिणामस्वरूप बाइबल के टीकाकारों और धर्मविदों के मध्य में कई भिन्न विचार प्रगट हुए हैं। विश्‍व में एक-ही-धर्म कैथोलिक धर्म, इस्लाम, नए युगवादी आन्दोलन, या धर्म के कुछ रूपों के लिए भी आविष्कार किए गए तर्कों के लिए ठोस तर्क पाए जाते हैं, तौभी इन्टरनेट पर की गई खोज कई और सम्भावनाएं और सिद्धान्तों का उत्पादन करेगी। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि झूठे भविष्यद्वक्ता के अधीन किसी प्रकार से विश्‍व का एक-ही-धर्म अन्त के समय का अंश होगा, जो कि कदाचित् आज कई भिन्न धर्मों, सम्प्रदायों और धर्म आधारित वादों से मिल कर बना हुआ हो।

प्रकाशितवाक्य 17:1-18 हमें विश्‍व के एक-ही-धर्म की कई विशेषताओं को देता है। झूठा धर्म पृथ्वी के सभी "लोगों, भीड़, जातियों और भाषाओं" के ऊपर प्रभावी रहेगा (वचन 15), जिसका अर्थ है कि इसमें सार्वभौमिक अधिकार होगा, इसमें कोई सन्देह नहीं है, इसे मसीह विरोधी के द्वारा दिया जाएगा, जो उस समय संसार के ऊपर शासन करेगा। वचन 2-3 "पृथ्वी के राजा" के साथ व्यभिचार करने के रूप में वेश्या का वर्णन करते हैं, जो संसार के शासकों और प्रभावशाली लोगों के मध्य में झूठे धर्म के प्रभाव का वर्णन करते हैं। "उसके व्यभिचार की मदिरा से मतवाले" उन लोगों को सन्दर्भित किया जा सकता है, जो इस धर्म के झूठे ईश्‍वर की पूजा करने से प्राप्त शक्ति से नशे में हैं, क्योंकि शैतान अक्सर उन लोगों को ही फंसा लेता है, जो शक्ति के लिए लालसा करते हैं। झूठे धर्म के द्वारा गठित किया हुआ नकली कलीसिया और राज्य को ऐसा एकता में ले आएगा जैसा कि आज से पहले कभी नहीं हुआ था।

वचन 6 में वेश्या को "पवित्र लोगों का लहू और यीशु के गवाहों का लहू पीने से मतवाली" के रूप में वर्णित किया गया है। क्लेशकाल के समय में विश्‍वासियों की हत्या करना मसीह विरोधी की योजना का अंश होगा (प्रकाशितवाक्य 6:9)। बहुत से लोग, जो विश्‍वव्यापी धर्म का विरोध करते हैं, उनका सिर काट दिया जाएगा (प्रकाशितवाक्य 20:4), और जो लोग अपने ऊपर मसीह विरोधी के चिन्ह को लेते हुए उस की पूजा करने से इनकार करते हैं, वे खरीदने और बेचने में असमर्थ होंगे, जिससे जीवन यापन बहुत ही कठिन हो जाएगा (प्रकाशितवाक्य 13:16-17) ।

अन्त में, वेश्या मसीह विरोधी की कृपा को खो देगी, जो स्वयं के लिए संसार से पूजा को प्राप्त करना चाहेगा। वह झूठे धर्म के भविष्यद्वक्ताओं और पुजारियों के साथ संसार की पूजा को साझा नहीं करेगा, इसका कोई अर्थ नहीं है कि चाहे वे कितने भी अधिक चापलूसी ही क्यों न हो। एक बार जब मसीह विरोधी मृतकों में से अपने आश्‍चर्यजनक पुनरुत्थान के द्वारा वापस आने के द्वारा संसार के सारे ध्यान को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है (प्रकाशितवाक्य 13:3, 12, 14), तो वह झूठी धार्मिक व्यवस्था के विरूद्ध हो जाएगा और इसे नष्ट करते हुए, स्वयं को परमेश्‍वर के रूप में स्थापित करेगा। यीशु हमें बताता है, यह धोखा इतना बड़ा होगा कि, यदि सम्भव हुआ, तो भी चुने हुए भी भम्र में पड़ जाएंगे (मत्ती 24:24)।

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