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प्रश्न

क्या प्रकृति के माता होने का विचार बाइबल आधारित है?

उत्तर


प्रकृति के माता होने के बारे में सबसे पहला लिखित और सबसे दृढ़ सन्दर्भ 12 या 13 ईसा पूर्व में माइकेनियन आधारित यूनानी लिपियों में पाया जाता है। प्रकृति के माता होने के अर्थ का लिप्यन्तरण "मा-गा" या "मदर गिया" के रूप में किया गया है। इस धारणा की नींवें सुकरात के आने से पहले के दार्शनिकों में पाई जाती हैं, जिन्होंने प्रकृति का "आविष्कार" किया था, और यह आगे चलकर यूनानी दार्शनिक अरस्तू द्वारा विस्तृत रूप से व्याख्या किया गया है। अन्य संस्कृतियों ने इस धारणा को अपनाया है कि परमेश्वर पिता से हटकर "प्रकृति" की अपनी आत्मा और प्रासंगिकता अद्वितीय रूप में थी। अमेरिकी निवासियों की ऐसी संस्कृति है, जो मानती है कि "प्राकृति माता" नाम की कोई वस्तु है, जो जीवन का पानी प्रदान करती है, जो उनके लिए भोजन की प्रचुरता का प्रावधान करता है। वास्तव में, कोई भी नहीं अपितु भोजन, आश्रय, पानी और जीवन की हमारी मूलभूत आवश्यकताओं को परमेश्वर ही प्रदान करता है।

प्रकृति का माता होना शब्दावली का उपयोग कभी-कभी सामान्य रूप से पर्यावरण को सन्दर्भित करने के लिए किया जाता है। इस शब्द का प्रयोग कभी-कभी राजनीतिक और सांस्कृतिक विचारधाराओं जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग अर्थात् भूमण्डल के तापक्रम में वृद्धि, पर्यावरणवाद और जलवायु परिवर्तन के साथ किया जाता है। कुछ लोगों के लिए, बढ़ता हुआ तापमान, समुद्र का बढ़ता स्तर हुआ, जानलेवा जंगली आग, भूकम्प, सुनामी, तूफान, नई और यहाँ तक कि प्राचीन बीमारियों के उद्भव के समाचार, और ऐसी ही अन्य बातें यह प्रदर्शित करती हैं कि "माता प्रकृति" एक प्रकार की सनक से भरी हुई देवी है, जो पूरे समय पृथ्वी पर कहर बरपाती रहती है।

यह परमेश्वर है, जो प्रकृति की शक्तियों को नियन्त्रित करता है: “उसी ने पृथ्वी को अपनी सामर्थ्य से बनाया, उस ने जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया, और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है। जब वह बोलता है तब आकाश में जल का बड़ा शब्द होता है, और पृथ्वी की छोर से वह कुहरे को उठाता है। वह वर्षा के लिये बिजली चमकाता, और अपने भण्डार में से पवन चलाता है” (यिर्मयाह 10:12–13)। यीशु ने उग्र समुद्र को शान्त करके प्रकृति पर अपनी ईश्वरीय सामर्थ्य का प्रदर्शन किया (मत्ती 8:26)। यह भी सच है कि हमारे पर्यावरण को चलाने के लिए प्राकृतिक नियम हैं; ये ऐसी पद्धतियाँ हैं, जिन्हें परमेश्वर स्थापित किया है (उत्पत्ति 8:22)। परमेश्वर ने हमारे संसार को रचा; मनुष्य के पाप ने इसे नुकसान पहुँचाया (रोमियों 8:19–22)। तौभी परमेश्वर हमारे संसार को एक साथ थामे रखता है (कुलुस्सियों 1:16-17)। इस कार्य में और कोई सनकी देवी-देवता नहीं है।

एक और विचित्र विचार यह है कि प्रकृति के माता होना किसी तरह परमेश्वर की पत्नी/जीवन साथी को दिखाता है और वह उसके साथ स्वर्ग में शासन करती है। एक "माँ और पिता परमेश्वर" का यह विचार कुछ रोमन कैथोलिक परम्पराओं में देखा गया है, जो मरियम को "स्वर्ग की रानी" घोषित करते हैं। बाइबल, यद्यपि, यह घोषणा करती है कि त्रिएक ईश्वरत्व में परमेश्वर, अकेला ही स्वर्ग और पृथ्वी पर शासन करता है। (दानिय्येल 4:25)। प्रकृति उसकी रचना है और वह अकेले ही उसे थामे रखता है और उसकी रक्षा करता है और ऐसा करने में, वह उसकी अच्छाई और उसके प्रति दया की गवाही देता है। "तौभी उसने अपने आप को बे-गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा” (प्रेरितों के काम 14:17)।

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