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प्रश्न

बाइबल की खोई हुई पुस्तकें कौन सी हैं?

उत्तर


बाइबल की पुस्तकों में से एक भी "पुस्तक खोई हुई" नहीं हैं, या ऐसी कोई पुस्तकें नहीं हैं जिन्हें बाइबल में से निकाल दिया गया है, या बाइबल की ऐसी कोई पुस्तकें नहीं हैं जो बाइबल से लापता है। प्रत्येक पुस्तक जिसे परमेश्‍वर ने चाहा वह बाइबल में ही पाई जाती हैं। ऐसी बहुत सी कथाएँ और अफवाहें पाई जाती हैं कि बाइबल की पुस्तकें खो चुकी हैं, परन्तु सच्चाई यह है, कि ऐसी पुस्तकें हैं ही नहीं जो खो गई थीं। इसकी अपेक्षा, उन्हें अस्वीकार कर दिया गया था। शाब्दिक रूप से हजारों की सँख्या में धार्मिक पुस्तकें पाई जाती हैं जो उसी समय के मध्य लिखी गई थीं जब बाइबल को लिखा जा रहा था। इनमें से कुछ पुस्तकें घटनाओं के सच्चे वृतान्त को लिपिबद्ध करती हैं जो वास्तव में घटित हुए थे (उदाहरण के लिए 1 मक्काबी)। जबकि अन्य कुछ अच्छी आत्मिक शिक्षाओं को लिपिबद्ध करती हैं (उदाहरण के लिए सुलेमान का प्रज्ञाग्रन्थ)। तथापि, ये पुस्तकें परमेश्‍वर की ओर से प्रेरणा प्रदत्त नहीं हैं। यदि हम इनमें से किसी भी पुस्तक को पढ़ें, जैसा कि ऊपर अप्रामाणिक ग्रन्थ अर्थात् अपोक्रिफा की पुस्तकों का ऊपर वर्णन किया गया है, तब हमें उनके साथ धार्मिक/ऐतिहासिक चूकता वाले व्यवहार को करना होगा, न कि उन्हें प्रेरणा प्रदत्त, परमेश्‍वर के त्रुटिहीन वचन के रूप में होना स्वीकार करना चाहिए (2 तीमुथियुस 3:16-17)।

थोमा का सुसमाचार, उदाहरण के लिए, 3री या 4थी ईस्वी सन् की सदी में एक जालसाजी के साथ लिखते हुए दावा करता है कि यह प्रेरित थोमा के द्वारा लिखा गया था। यह थोमा के द्वारा नहीं लिखा गया था। आरम्भिक मसीही विश्‍वासी ने विश्वव्यापी रूप से थोमा के सुसमाचार को गलत शिक्षाओं वाला होने के रूप में अस्वीकार कर दिया था। इसमें बहुत सी झूठी और भ्रामक बातें मिलती हैं जिन्हें आभासित होता है कि यीशु ने कहा था और किया था। परन्तु इनमें से एक भी (यहाँ तक कि इसकी छोटी से छोटी बात भी) सत्य नहीं है। बरनाबास का सुसमाचार बाइबल में दिए हुए बरनाबास नहीं अपितु एक बहुरूपिये के द्वारा लिखा गया था। ऐसा ही फिलिप्पुस के सुसमाचार, पतरस का प्रकाशन ग्रन्थ इत्यादि पुस्तकों के लिए कहा जा सकता है। यह सारी पुस्तकें, और इनके जैसी ही अन्य कई पुस्तकें, अमौलिक ग्रन्थों, अर्थात् आवश्यक अर्थ में "प्रचलित लेखकों को नाम उपयोग करने वाले झूठे लोगों" के द्वारा लिखे हुए होना माना जाता है

केवल एक ही परमेश्‍वर है। बाइबल का केवल एक ही सृष्टिकर्ता है। यह एक ही पुस्तक है। इसके पास अनुग्रह की केवल एक ही योजना है, जो आरम्भ से ही, कार्यान्वित होने के द्वारा, अपनी समाप्ति की प्राप्ति के लिए लिपिबद्ध है। पूर्वनियुक्तिकरण से महिमाकृत होने तक, बाइबल परमेश्‍वर की वह कहानी है जो उसके लोगों को उसकी महिमा के स्तुतिगान के लिए छुटकारा दिए जाने का वर्णन करती है। परमेश्‍वर के छुटकारा दिए जाने वाले प्रयोजनों और योजना को पवित्रशास्त्र खोलते हुए, इसके निरन्तर दुहराते हुए विषय परमेश्‍वर के चरित्र, पाप और अनाज्ञाकारिता के लिए न्याय और विश्वास और आज्ञाकारिता के लिए आशीष, पाप के लिए उसके बलिदान और प्रभु और उद्धारकर्ता, और आने वाले राज्य और महिमा के ऊपर महत्व देता है। यह परमेश्‍वर की चाह है कि हम इन विषयों को जाने और समझ लें क्योंकि हमारे जीवनों और शाश्‍वतकालीन गंतव्य इसी के ऊपर आधारित हैं। इसलिए ऐसा सोचा ही नहीं जा सकता है कि परमेश्‍वर किसी भी तरीके से इस महत्वपूर्ण सूचना में से कुछ के "खो" जाने को होने देगा। बाइबल इस रीति से पूर्ण है, कि हम जो उसको पढ़ते और इसका अध्ययन करते हैं वह साथ ही "सिद्ध हो सकें और हर एक भले कार्य के लिए तत्पर हो जाएँ" (2 तीमुथियुस 3:16-17)।

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