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प्रश्न

इसका क्या अर्थ है कि परमेश्‍वर अनाथों का पिता है?

उत्तर


भजन 68:5 कहता है, "परमेश्‍वर अपने पवित्र धाम में, अनाथों का पिता और विधवाओं का न्यायी है।" सभी तरीकों से परमेश्‍वर सर्वशक्तिमान परमेश्‍वर मनुष्य से सम्बन्धित हो सकता था, तथापि उसने परिवार की भाषा को ही चुना। वह स्वयं को एक परोपकारी तानाशाह, दयालु स्वामी, या धैर्य रखने वाले मकान मालिक के रूप में वर्णित कर सकता था। परन्तु इसके स्थान पर, उसने स्वयं के लिए शब्द पिता को चुना।

वह स्वयं को पिता के रूप में प्रस्तुत करता है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि एक पिता क्या है और क्या करता है। यहाँ तक कि यदि हमारे पास पृथ्वी पर ऐसे सांसारिक पिता हैं, जिन्होंने हमारे साथ अच्छी रीति से व्यवहार नहीं किया, तौभी हम में एक निहित मूल्य की समझ है, कि हमारे पास एक अच्छा पिता कैसा होना चाहिए। परमेश्‍वर ने हमारे हृदयों में इस बात का रोपण किया है। हम सभों में स्वयं के लिए प्रेम किए जाने, देखभाल किए जाने, सुरक्षा पाने और स्वयं के प्रति सम्मानित होने की आवश्यकता होती है। अपने आदर्शमयी रूप में, एक सांसारिक पिता उन आवश्यकताओं को पूरा करता है। परन्तु यदि वह नहीं करता है, तो परमेश्‍वर उन्हें पूरी करेगा। यीशु ने अपने अनुयायियों को परमेश्‍वर को पिता के रूप में सम्बोधित करने की शिक्षा दी (लूका 11:2)। पूरे पवित्रशास्त्र में, परमेश्‍वर हमारे लिए उसके प्रेम का वर्णन ऐसे करता है, जैसे कि वह देखभाल करने वाला अभिभावक होता है (यशायाह 49:15; यूहन्ना 16:26-27; 2 कुरिन्थियों 6:18)। यद्यपि उसके पास पिता और माता दोनों के गुण हैं (यशायाह 66:13), परन्तु तौभी वह स्वयं के लिए पुरूष वाचक शब्द को चुनता है, क्योंकि यह शक्ति, सुरक्षा और प्रबन्ध करने को भी दर्शाता है (भजन संहिता 54:4)।

अनाथों और पिताहीनों के लिए परमेश्‍वर के मन में एक विशेष स्थान है (व्यवस्थाविवरण 24:20; यिर्मयाह 49:11; याकूब 1:27)। भजन संहिता 27:10 कहता है कि, "मेरे माता-पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।" परमेश्‍वर जानता है कि कई बार सांसारिक पिता अनुपस्थित होते हैं या उन्होंने अपने काम को नहीं किया होता है (इफिसियों 6:4)। वह एक पिता की भूमिका को भरने का प्रस्ताव देता है (यूहन्ना 6:37; व्यवस्थाविवरण 1:31)। जब हम मुसीबत में होते हैं, तो वह हमें उसे पुकारने के लिए निमन्त्रण देने के लिए (भजन संहिता 50:15), अपनी सारी चिन्ताओं को उसके ऊपर डाल देने के लिए (1 पतरस 5:7), और उसकी संगति का आनन्द लेने के लिए (1 कुरिन्थियों 1:9: भजन 116:1; 1 यूहन्ना 5:14) बुलाता है। वह हमारे लिए उन गुणों को नमूने के रूप में प्रस्तुत करता है, जिसे उसने पिता के लिए रूपरेखित किया था। यद्यपि कई बार सांसारिक पिता अपने आदर्श को पूरा नहीं कर पाते हैं, परमेश्‍वर ने प्रतिज्ञा की है, कि इस कारण, कोई को भी एक आदर्श पिता के बिना नहीं रहना चाहिए।

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