settings icon
share icon
प्रश्न

मैं पाप में खोए हुए इस संसार में मसीह के लिए एक प्रभावी साक्षी कैसे बन सकता हूँ?

उत्तर


एक "गवाह" वह होता है, जो किसी तथ्य की पुष्टि करता है, ताकि मसीह के लिए के लिए एक प्रभावशाली गवाह हो सके, इसलिए उसके पास प्रथम दृष्टि में उसका ज्ञान होना चाहिए। प्रेरित यूहन्ना ने 1 यूहन्ना 1:1-3 में इसके बारे में कुछ इस तरह से कहा है, जब वह ऐसा कहता है कि, "यह... कि जिसे अपनी आँखों से देखा, वरन् जिसे हम ने ध्यान से देखा और हाथों से छुआ — तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं।" आज, हम जिन्होंने मसीह में नए जीवन को अनुभव कर लिया है, उसके प्रेम और क्षमा का वर्णन, दोनों तरीके से अर्थात् मौखिक रूप से और जीवनों के द्वारा करते हैं। यही गवाही है। अपनी गवाही में प्रभावशाली होने के लिए, हमें कई मूलभूत बातों को स्मरण रखना चाहिए :

1) हमारी गवाही का विषय यीशु मसीह है। पौलुस सुसमाचार को यीशु मसीह की मृत्यु, गाड़ा जाना और पुनरुत्थान के रूप में परिभाषित करता है (1 कुरिन्थियों 15:1-4)। यदि हम मसीह के बलिदान की व्याख्या नहीं कर रहे हैं, तब तो हम वास्तव में सुसमाचार का प्रचार ही नहीं कर रहे हैं। (1 कुरिन्थियों 2:2 और रोमियों 10:9-10 को भी देखें)। इस विषय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इस तथ्य में है कि यीशु मसीह ही उद्धार का एकमात्र मार्ग है, न कि कई अन्य मार्ग। "मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता है" (यूहन्ना 14:6, अक्षरों को विशेष किया गया है)।

2) हमारी गवाही की सामर्थ्य पवित्र आत्मा है। यह पवित्र आत्मा ही है, जो एक जीवन को परिवर्तित कर देता है (तीतुस 3:5), और एक परिवर्तित जीवन सभों को दिखाई देता है। गवाह होने के नाते, आत्मा की सामर्थ्य को अपनाते हुए, हमें अपने अधिकाधिक समय को प्रार्थना में व्यतीत करना चाहिए, ताकि हम हमारे प्रकाश को इस तरह चमकाने के लिए सक्षम हो जाएँ, कि अन्य हम में वास करते हुए परमेश्‍वर की सामर्थ्य को पहचान सकें (मत्ती 5:16)।

3) हमारी गवाही की वैधता हमारे उस तरह के जीवन में दिखाई देगी, जिस तरह से हम इसे व्यतीत करते हैं। फिलिप्पियों हमारे लिए इस लक्ष्य को निर्धारित कर देता है: "ताकि तुम निर्दोष और भोले होकर टेढ़े और हठीले लोगों के बीच परमेश्‍वर के निष्कलंक सन्तान बने रहो, जिनके बीच में तुम जीवन का वचन लिए हुए जगत में जलते दीपकों के समान दिखाई देते हो।" एक प्रभावशाली मसीही गवाह अपने जीवन को पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से कलंक लगने से ऊपर व्यतीत करेगा, जिसके फल हम तब प्रदर्शित करते हैं जब हम मसीह में बने रहते हैं (यूहन्ना 15:1-8; गलातियों 5:22-23)।

कदाचित्, इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हमें पवित्रशास्त्र की इतनी अधिक जानकारी हो जानी चाहिए कि हम इसका उपयोग दूसरों के साथ सुसमाचार को प्रस्तुत करने में उचित और सामंजस्य तरीके से कर सकें। "जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, उसे उत्तर देने के लिए सर्वदा तैयार रहो" (1 पतरस 3:15)। सदैव तैयार रहने का अर्थ परिश्रमी तरीके से बाइबल का अध्ययन करना, पवित्रशास्त्र को याद कर लेना और परमेश्‍वर-प्रदत्त अवसरों को मिलने के लिए प्रार्थना करें, ताकि उनके साथ सुसमाचार को साझा किया जा सके, जिनके मन प्रभु के द्वारा उद्धार के सन्देश को सुनने के लिए तैयार किए गए हैं।

English



हिन्दी के मुख्य पृष्ठ पर वापस जाइए

मैं पाप में खोए हुए इस संसार में मसीह के लिए एक प्रभावी साक्षी कैसे बन सकता हूँ?
इस पृष्ठ को साझा करें: Facebook icon Twitter icon YouTube icon Pinterest icon Email icon
© Copyright Got Questions Ministries