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प्रश्न

बाइबल को याद करना क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर


मसीही विश्‍वासी के जीवन में बाइबल को याद करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। वास्तव में, पवित्रशास्त्र को याद करना आत्मिक विकास और पाप पर विजय पाने के लिए कदाचित् सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। परमेश्‍वर का वचन शक्तिशाली है, क्योंकि यह पवित्र आत्मा की ओर से सचमुच प्रेरणा प्रदत अर्थात् "ईश्‍वर-श्‍वसित" है (2 तीमुथियुस 3:16-17), और जब हम पवित्रशास्त्र को याद करके अपने मन में उसके वचनों को भरते हैं, तब हम स्वयं के लिए लाभ उठाते हैं और सबसे सामर्थी आत्मिक हथियार बन जाते हैं।

जब हम परमेश्‍वर के वचन को याद करते हैं, तो कई बातें घटित हो जाती हैं। भजन संहिता 119:11 हमें बताता है कि भजनकार ने अपने मन में परमेश्‍वर के वचन को रख छोड़ा है, ताकि वह उसके विरूद्ध पाप न करे। उसने न केवल वचन को सुना और पढ़ा, परन्तु उसने इसे अपने व्यक्तित्व का आन्तरिक अंश बना दिया और भविष्य के उपयोग के लिए इसे अपने मन और स्मृति में रख छोड़ा। परमेश्‍वर का वचन पाप के विरूद्ध एक मसीही विश्‍वासी के पास एकमात्र सच्चा सामर्थी हथियार है और जब बाइबल को याद करने के द्वारा उसे अपने मन में रख छोड़ते हैं, तो यह भले और धर्मी जीवन को यापन करने के लिए एक दृढ़ प्रभाव बन जाता है। इब्रानियों 4:12 हमें बताता है कि ईश्‍वर का वचन "जीवित और सक्रिय" है, जिसका अर्थ यह है कि जब हम उस पर ध्यान करते हैं, तो हमें मसीह-के-स्वरूप में ढ़लने के लिए अलौकिक सामर्थ्य होती है, और वचन पर ध्यान करने के लिए कोई सर्वोत्तम तरीका नहीं है इसे छोड़ कर यह हमारे मन और स्मृतियों में पाए जाए।

इफिसियों 6:13-17 हमारी आत्माओं और आत्मिक बचाव के लिए युद्ध में एक विश्‍वासी को सुरक्षा कवच दिए जाने का वर्णन करता है। एक को छोड़कर सुरक्षा कवच के सभी अन्य तत्व रक्षात्मक हैं। एकमात्र आक्रामक हथियार "आत्मा की तलवार है, जो परमेश्‍वर का वचन है" (वचन 17)। ठीक वैसे ही जैसे ही यीशु ने शैतान के आक्रमणों को रोकने के लिए परमेश्‍वर के वचन का उपयोग किया (मत्ती 4:1-11), ऐसे ही हमें इस हथियार का उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए। परन्तु जब हमें शैतान के झूठ और धोखे का सामना करना पड़ता है, तब कदाचित् ही कभी शैतान हमें बाइबल लेने और सही सन्दर्भों को खोजने के लिए समय देता है। बाइबल याद करने से यह सुनिश्‍चित होता है कि हमारे मन में उचित सच्चाई और धर्मसिद्धान्त होंगे और हम उस दुष्ट को प्रभावी ढंग से उत्तर देने में सक्षम होंगे जो हमें नष्ट करना चाहता है (1 पतरस 5:8)। रोमियों 12:1-2 हमें अपने मन के "नए हो जाने" का आग्रह करता है, ताकि हम इस सोच से प्रभावित न हों जो हमें इस संसार के अनुरूप होने की पुष्टि करती है। मन को नवीनीकृत करने के लिए एकमात्र तरीका इसे पवित्रशास्त्र बाइबल से भरना है।

पवित्रशास्त्र बाइबल को याद रखना प्रत्येक मसीही विश्‍वासी का सौभाग्य और उत्तरदायित्व है। पवित्रशास्त्र को याद करने के लिए कई उत्कृष्ट पद्धितयाँ उपलब्ध हैं। यहाँ तक कि एक विशेष रूप से प्रकाशित विधि के बिना भी एक व्यक्ति मसीही विश्‍वास के महत्वपूर्ण मुख्य वचनों को याद करना आरम्भ कर सकता है — जैसे यूहन्ना 3:16 और इफिसियों 2:8-9 — और तत्पश्‍चात् एक वचन के ऊपर दूसरे को याद करते जाएँ। कुँजी यह है कि किसी भी नए वचन को जोड़ने से पहले पूर्व में याद किए गए वचनों की समीक्षा करें। जो भी तरीका चुना जाता है, बाइबल के वचनों को याद करने से प्राप्त होने वाले लाभ पाप पर विजय प्रदान करते, विश्‍वास को दृढ़ करते हैं, और मसीही जीवन में हर्ष को ले आते हैं।

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