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प्रश्न

उत्पत्ति 1:26 और 3:22 में परमेश्वर स्वयं को बहुवचन में क्यों सन्दर्भित करता है?

उत्तर


उत्पत्ति 1:26 में कहा गया है कि, "फिर परमेश्‍वर ने कहा, 'हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएँ; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।''' उत्पत्ति 3:22 में कहा गया है कि, ''फिर यहोवा परमेश्‍वर ने कहा, 'मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है।''' पुराने नियम में अन्य वचन भी पाए जाते हैं, जिनमें परमेश्वर बहुवचनीय कथनों का उपयोग कर स्वयं को सन्दर्भित करता है। यह भी ध्यान रखना रूचिपूर्ण है कि एलोहीम, पुराने नियम में परमेश्वर की प्राथमिक उपाधियों में से एक (2,500 से अधिक बार), बहुवचन रूप में पाई जाती है।

कुछ लोगों ने इन वचनों का उपयोग इस धारणा को बनाने के लिए उपयोग किया है कि एक से अधिक परमेश्वर हैं। यद्यपि, हम बहुदेववाद (कई देवताओं में विश्वास) को इन्कार कर सकते हैं, क्योंकि यह पवित्रशास्त्र के अन्य अँसख्य वचनों का खण्डन करेगा जो हमें बताते हैं कि परमेश्वर एक है और केवल एक ही परमेश्वर है। केवल यशायाह 45 में ही तीन बार, परमेश्वर कहता है कि, "मैं यहोवा हूँ और दूसरा कोई नहीं, मुझे छोड़ कोई परमेश्‍वर नहीं" (वचन 5, 6, 18)।

बहुवचनीय रूप में परमेश्वर के स्वयं के सन्दर्भ के लिए दिए जाने के लिए एक दूसरा सम्भावित स्पष्टीकरण यह है कि परमेश्वर अपने कथन में स्वर्गदूतों को सम्मिलित करता है। "हम" और "हमारे" कहने से तात्पर्य यह है कि, परमेश्वर सभी स्वर्गीय सेना की बात कर रहा था, जिसमें वह स्वयं को भी सम्मिलित करता है। तथापि, बाइबल में कहीं भी ऐसा नहीं कहा गया है कि स्वर्गदूतों के पास परमेश्वर के जैसा "स्वरूप" या "समानता" है (उत्पत्ति 1:26 को देखें)। यह विवरण तो अकेले मनुष्य को ही दिया गया है।

चूंकि बाइबल, और नया नियम विशेष रूप से, परमेश्वर को त्रिएक (तीन व्यक्ति परन्तु केवल एक परमेश्वर) के रूप में प्रस्तुत करता है, उत्पत्ति 1:26 और 3:22 त्रिएकत्व के भीतर एक वार्तालाप का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। परमेश्वर पिता का "वार्तालाप" परमेश्वर पुत्र और परमेश्वर पवित्र आत्मा के साथ है। पुराना नियम परमेश्वर की बहुलता पर संकेत देता है, और नया नियम त्रिएकत्व के धर्मसिद्धान्त के साथ इस बहुलता को स्पष्ट करता है। स्पष्ट है कि, कोई ऐसा तरीका नहीं है जिससे कि हम इसे पूरी तरह से इसे समझ सकें कि यह कैसे काम करता है, परन्तु परमेश्वर ने हमें यह जानने के लिए पर्याप्त जानकारी दी है कि वह तीन व्यक्तियों — पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के अस्तित्व में है।

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उत्पत्ति 1:26 और 3:22 में परमेश्वर स्वयं को बहुवचन में क्यों सन्दर्भित करता है?
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