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प्रश्न

ब्रह्माण्ड की सृष्टि करने से पहले परमेश्वर क्या कर रहा था?

उत्तर


हमारे सीमित मनों को यह समझने में कठिनाई होती है कि ब्रह्माण्ड के निर्माण से पहले, परमेश्वर अकेले अस्तित्व में था। हम यूहन्ना 1:1 से जानते हैं कि यीशु भी अस्तित्व में था: "आदि में वचन था, और वचन परमेश्‍वर के साथ था, और वचन परमेश्‍वर था।" देहधारण से पूर्व मसीह पिता की घनिष्ठ में एक था, इसलिए ताकि महिमा का भागी हो और उचित रूप से परमेश्वर कहलाया जाए। उसने स्वयं को इसे यूहन्ना 17:5 में समझाया है, "अब हे पिता, तू अपने साथ मेरी महिमा उस महिमा से कर जो जगत की सृष्‍टि से पहले, मेरी तेरे साथ थी।"

हम यह भी जानते हैं कि पवित्र आत्मा हमारी सृष्टि किए जाने से पहले ही अस्तित्व में था। उत्पत्ति 1:2 में सुनसान और बेडौल पृथ्वी के ऊपर आत्मा के "मण्डलाए" जाने का वर्णन है। इसलिए, इससे पहले की समय अस्तित्व में आए, परमेश्वर तीन व्यक्तियों: पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा में विद्यमान था। त्रिएकत्व पूर्ण सद्भाव और निर्दोषता में एक दूसरे के लिए उन सभी बातों के साथ विद्यमान था, जिनकी उन्हें आवश्यकता थी। दाऊद ने भजन संहिता 16:11 में कहा कि "आनन्द और सुख सदैव के लिए" परमेश्वर की उपस्थिति में बने रहने हैं। इसका अर्थ है कि परमेश्वर की उपस्थिति में रहना आनन्द, तृप्ति और सुख की अत्यधित तीव्र भावना में बने रहना है। सृष्टि की रचना से पहले, परमेश्वर ने पूरी तरह से सुख और आनन्द को महसूस किया जैसा कि उसे सिद्धता में देखा गया और उसने स्वयं के साथ संचार किया। परमेश्वर के पास सदैव पूर्ण आनन्द का अनुभव है और रहेगा क्योंकि उसके पास स्वयं का सिद्ध और पूर्ण ज्ञान है।

इससे पहले कि इस ब्रह्माण्ड की सृष्टि होती, परमेश्वर ने स्वयं में पूर्ण सन्तुष्टि का अनुभव किया। परमेश्वर अनन्त काल से ही त्रिएक के रूप में अकेले ही प्रसन्नचित्त था। ये तीनों एक साथ एक-दूसरे की संगति में अनन्त काल से हैं। वे एक दूसरे से प्रेम करते हैं। हम जानते हैं कि समय के किसी पड़ाव पर उन्होंने मानव जाति के उद्धार के ऊपर चर्चा की (इफिसियों 1:4-5; 2 तीमुथियुस 1:9; यूहन्ना 17:24), परन्तु शेष सब कुछ रहस्य में ही बना रहता है।

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ब्रह्माण्ड की सृष्टि करने से पहले परमेश्वर क्या कर रहा था?
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