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प्रश्न

एक मसीही प्रेमिका में मुझे क्या देखना चाहिए?

उत्तर


बाइबल आज के समय में होने वाली डेटिंग अर्थात् प्रेम सम्बन्धों वाली मुलाकातों का वर्णन नहीं करती है। इसकी अपेक्षा, रोमांटिक अर्थात् रूमानी या प्रीति से भरे हुए सम्बन्धों के सन्दर्भ में, यह विवाह के सिद्धान्तों के ऊपर केन्द्रित है। आज डेटिंग को इस बात की जाँच के लिए उपयोग किया जाता है कि क्या पुरुष और स्त्री एक अच्छे विवाह के लिए जीवन साथी हो सकते हैं। इस कारण इससे यह अर्थ निकलता है कि एक मसीही प्रेमी या बॉयफ्रेंड, को सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, एक ऐसा पुरूष होना चाहिए, जिससे आपको यह प्रतीत होता हो कि वह एक अच्छा मसीही पति बनेगा। एक मसीही स्त्री को किसी ऐसे व्यक्ति की खोज करनी चाहिए, जो परमेश्‍वर के प्रति गम्भीर है और उसके साथ अपने सम्बन्ध के बारे में गम्भीर है। कोई भी कह सकता है कि वह यीशु से प्रेम करता है या वे एक मसीही विश्‍वासी है। आप कैसे जानते हैं, जब आप किसी के साथ प्रेम में पड़ रहे हैं, तो वह वास्तव में मसीही है?

बाइबल ऐसे वचनों से भरी हुई है, जो वर्णन करते हैं कि एक मसीही पुरूष को कैसा होना चाहिए, जो ऐसे वचन हैं, जो एक सम्भावित पति की जाँच करने वाली स्त्री के लिए सहायक और विश्‍वासयोग्य ठहराते हैं। निम्नलिखित वचनों के आधार पर कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं। एक मसीही प्रेमी को ऐसा होना चाहिए

नम्र और सिखाने योग्य: बाइबल हमें बताती है कि एक धर्मी व्यक्ति या बुद्धिमान व्यक्ति आनन्द के साथ निर्देश को स्वीकार करेगा, चाहे इससे उसके पीड़ा ही क्यों न हो (भजन संहिता 141:5; नीतिवचन 9:9, 12:15)। एक धर्मी व्यक्ति पवित्रशास्त्र के द्वारा सुधारे जाने की इच्छा और उन लोगों को प्रेम करने और सुनने की प्रवृत्ति का प्रमाण देता है, जो उसे पवित्रशास्त्र से शिक्षा दे सकते हैं।

ईमानदार: क्या उसके कार्य उसके शब्दों के अनुरूप हैं? बाइबल कहती है कि एक धर्मी व्यक्ति उसके व्यक्तिगत् और व्यापारिक व्यवहारों में ईमानदारी के गुणों से भरा हुआ होता है (इफिसियों 4:28)। इसके अतिरिक्त, जब वह एक प्रतिज्ञा करता है, तो एक मसीही पुरूष के रूप में अपनी प्रतिज्ञा पर टिका रहता है, चाहे इसके लिए पीड़ा ही क्यों न हो (भजन संहिता 15:2-5)। संक्षेप में, उसका चरित्र सत्यनिष्ठा से भरा हुआ होना चाहिए।

आत्मत्यागी: बाइबल विशेष रूप से पतियों के लिए बोलती है, जब यह उन्हें उनकी पत्नियों से प्रेम करने के लिए कहती है, क्योंकि उन्हें उनसे अपने शरीर जैसा प्रेम करना है, ठीक वैसे ही जैसे कि मसीह ने कलीसिया से प्रेम किया और स्वयं को उसके लिए दे दिया (इफिसियों 5:25-28)। एक मसीही प्रेमी को विवाह से पहले अपनी प्रेमिका की इस तरह की देखभाल करनी और प्रेम प्रदर्शित करना आरम्भ करना होगा। प्रेम प्रणय के आरम्भिक चरणों में आसान होता है, परन्तु एक मसीही प्रेमी उस तरह का पुरूष होना चाहिए जिसका व्यवहार और मंशा सभी प्रकार की परिस्थितियों में प्रेम करना हो (1 यूहन्ना 3:18)।

सक्षम और घर प्रबन्धन के लिए तैयार: बाइबल कहती है कि एक पुरूष जो अपने परिवार के लिए प्रबन्ध नहीं करता है, वह अविश्‍वासियों से भी बुरा है (1 तीमुथियुस 5:8)। प्रबन्ध करने का अर्थ यहाँ घर में बहुत अधिक पैसा लाने से नहीं है। मुख्य विषय यह है कि क्या वह अपनी पत्नी और बच्चों के कल्याण का उत्तरदायित्व लेता है। स्त्रियों के लिए इस वचन की गम्भीरता को समझना अति महत्वपूर्ण है। एक पुरूष जो घर का प्रबन्ध नहीं करना चाहता है, उसके लिए किसी स्त्री के सम्मान को पाना अत्यन्त कठिन है, और यदि कोई पत्नी अपने पति का सम्मान करने के लिए संघर्ष करती है, तो वैवाहिक परेशानी समाधान से परे चली जाएगी। अपने पति के प्रति एक स्त्री का सम्मान और उसकी पत्नी के लिए एक पुरूष का प्रेम परस्पर एक दूसरे के ऊपर निर्भर होता है और यह एक विवाह के लिए जीवन-देने वाला जैसा होता है (इफिसियों 5:25-32)।

पूरी सक्रियता के साथ रक्षा करने की इच्छा वाला: शारीरिक और भावनात्मक रूप से, स्त्रियाँ पुरुषों की तुलना में कमजोर और अधिक आसानी से ठेस पाने वाली होती हैं। उन्हें एक सक्रिय तरीके से समझने और सुरक्षा देने और देखभाल करने की आवश्यकता है। एक अच्छा मसीही प्रेमी एक ऐसा व्यक्ति होता है, जो अपनी प्रेमिका की चिन्ता करेगा और उसकी देखभाल करेगा और वैवाहिक जीवन में उसकी रक्षा करने के लिए इसी जुनून के साथ प्रवेश करेगा (1 पतरस 3:7)।

इसके अतिरिक्त, यहाँ ध्यान दिए जाने के लिए कुछ नकारात्मक बातें भी पाई जाती हैं, जैसे: भौतिकवाद (1 यूहन्ना 2:15-16; 1 तीमुथियुस 6:10), झूठ बोलना (नीतिवचन 12:22; 19:22), यौन सम्बन्धों में अविश्‍वास (सभोपदेशक 7:26; नीतिवचन 7) और परिवार के सदस्यों के साथ विशेष रीति से व्यवहार करना, विशेषकर उसकी माता के साथ (नीतिवचन 15:20; 19:26; 20:20; 23:22)। सामान्य रूप से, अपनी माता के प्रति एक पुरूष का व्यवहार एक अच्छा संकेत है कि वह अपनी पत्नी के साथ कैसा व्यवहार करेगा। इसके अतिरिक्त, तर्कहीन और तानाशाही या ईर्ष्यापूर्ण प्रवृत्तियों के ऊपर ध्यान दें, क्योंकि यही अक्सर घरेलू हिंसा का कारण बनती हैं (नीतिवचन 6:34; 27:4)।

अन्त में, एक मसीही प्रेमी एक ऐसा व्यक्ति है, जिसके साथ एक स्त्री समान रूप से उसके अनुरूप होती है। सबसे पहले, आत्मिक अर्थ में - किसी भी सम्बन्ध में परमेश्‍वर के साथ एक जोड़े का सम्बन्ध प्राथमिक कारक होना चाहिए, और उन्हें उस सम्बन्ध के अनुरूप होना चाहिए। विश्‍वासियों को अन्य विश्‍वासियों से विवाह करने का आदेश दिया गया है (2 कुरिन्थियों 6:14), इसलिए अविश्‍वासियों से डेटिंग करने का कोई कारण नहीं मिलता है। परन्तु एक जोड़े को और भी अधिक व्यावहारिक पहलुओं में समान रूप से एक दूसरे के अनुरूप होना चाहिए, जिसमें अनुकूल या पूरकता से भरा हुआ स्वभाव, समान ऊर्जा स्तर और साझा जीवन-लक्ष्यों और रुचियों का होना सम्मिलित है। ये बातें सम्बन्ध में तीव्र आनन्द को जोड़ती हैं।

इन सबके अतिरिक्त, यदि किसी व्यक्ति में हास्य और एक स्थिर, हंसमुख स्वभाव की अच्छी भावना पाई जाती है, तो यह उसकी पत्नी के लिए आश्‍चर्यजनक रूप से उत्साहजनक है। कोई भी हर समय "शिखर" पर नहीं हो सकता है, परन्तु एक व्यक्ति जिसमें आत्मा की शान्ति और आनन्द के गुण हैं, उसके साथ सम्बन्ध बनाना वास्तव में अच्छा है। जीवन कठिन है, और वैवाहिक जीवन भी कठिन है। उदासी के समय आएंगे, और संघर्ष भी होगा। इसलिए, एक हंसमुख, उत्साही जीवन साथी वास्तव में एक आशीष होता है (नीतिवचन 16:24; 17:22; 15:30)।

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