settings icon
share icon
प्रश्न

एक मसीही विश्वासी को अपने शरीर को गठीला बनाने/भारोत्तोलन करने के विषय के प्रति कैसे देखना चाहिए?

उत्तर


संयम कदाचित् शरीर को गठीला बनाने/भारोत्तोलन करने के प्रति एक मसीही दृष्टिकोण के ऊपर शासन करने वाली अवधारणा है। पहला तीमुथियुस 4:8 शिक्षा देता है, “क्योंकि देह की साधना से कम लाभ होता है, पर भक्‍ति सब बातों के लिये लाभदायक है, क्योंकि इस समय के और आनेवाले जीवन की भी प्रतिज्ञा इसी के लिये है” (शब्दों को तिरछा करके जोर दिया गया है)। शारीरिक गठीलापन महत्वपूर्ण है, और जैसा कि इस वचन में कहा गया है, इसका कुछ लाभ है। हम शारीरिक और आत्मिक प्राणी हैं, और भौतिक शरीर की स्थिति किसी व्यक्ति की आत्मिकता को प्रभावित कर सकती है। निश्चित रूप से "आपके शरीर में परमेश्वर की महिमा" का अंश पाया जाता है (1 कुरिन्थियों 6:20) इसलिए इसे यथोचित अच्छी शारीरिक स्थिति में रखना आवश्यक है। शरीर का गठीलापन निश्चित रूप से मसीही शारीरिक व्यायाम कार्यक्रम का एक अंश हो सकता है।

ठीक इसी समय, इस जीवन की कई बातों के साथ, शारीरिक गठीलापन, यदि चरम सीमा पर किया जाता है, तो वह एक मूर्ति बन सकता है। अन्त में, यह एक ऐसे बिन्दु पर पहुँच जाता है, जहाँ माँसपेशियों को और अधिक गठित करने का कोई सही मूल्य नहीं रहता है। शारीरिक गठीलापन/भारोत्तोलन करना एक लत और/या जुनून बन सकता है। जबकि यह विषय पुरुषों के साथ अधिक सम्बन्धित है, यह स्त्रियों के लिए भी एक विषय हो सकता है। बड़ी और मजबूत माँसपेशियों के बनाने लिए प्रयास करना, इन्हें चरम बिन्दु तक ले जाना, घमण्ड के अतिरिक्त और कुछ नहीं है (1 शमूएल 16:7; सभोपदेशक 1:2; 1 पतरस 3:4)। जब हम अपने शारीरिक दिखावे को परमेश्वर के साथ हमारे सम्बन्ध से अधिक महत्वपूर्ण बनने देते हैं, तो यह एक मूर्ति बन जाता है (1 यूहन्ना 5:21)।

"इसलिये तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्‍वर की महिमा के लिये करो" (1 कुरिन्थियों 10:31)। मुख्य प्रश्न यह है कि क्या शारीरिक गठीलापन/भारोत्तोलन करना परमेश्वर की महिमा करता है? यदि यह फिटनेस अर्थात् एक छरहरा शरीर, शक्ति और रंग रूप को बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिसका परिणाम स्वास्थ्य में निकलता है, तो हाँ, यह परमेश्वर की महिमा के लिए किया जा सकता है। यदि यह घमण्ड और अभिमान में होकर किया जाता है, या एक अस्वास्थ्यकर जुनून में होकर बड़ा और मजबूत होने, बनने के लिए किया जाता है, तो नहीं, यह परमेश्वर की महिमा नहीं करता है। एक मसीही विश्वासी को शारीरिक गठन के प्रति कैसे देखना चाहिए? "सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुएँ लाभ की नहीं; सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित हैं, परन्तु मैं किसी बात के अधीन न हूँगा... ‘सब वस्तुएँ मेरे लिये उचित तो हैं, परन्तु सब वस्तुओं से उन्नति नहीं” (1 कुरिन्थियों 6:12; 10:23)।

English



हिन्दी के मुख्य पृष्ठ पर वापस जाइए

एक मसीही विश्वासी को अपने शरीर को गठीला बनाने/भारोत्तोलन करने के विषय के प्रति कैसे देखना चाहिए?
इस पृष्ठ को साझा करें: Facebook icon Twitter icon YouTube icon Pinterest icon Email icon
© Copyright Got Questions Ministries