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प्रश्न

यीशु मसीह के बारह (12) चेले/प्रेरित कौन थे?

उत्तर


शब्द "चेले" का संकेत सीखने वाले या अनुसरण करने वाले की ओर है। शब्द "चेले" का अर्थ "एक भेजे गए व्यक्ति से है।" जब यीशु इस पृथ्वी पर थे, उसके बारह अनुयायीयों को चेले कह कर पुकारा गया था। बारह चेलों ने यीशु मसीह का अनुसरण किया, उससे सीखा, और वे उसके द्धारा प्रशिक्षित हुए। अपने जी उठने और स्वर्गारोहण के पश्चात्, यीशु ने अपने चेलों को अपना गवाह होने के लिए भेज दिया (मत्ती 28:18-20; प्रेरितों के काम 1:8)। उन्हें तब बारह प्रेरित कह कर पुकारा गया। परन्तु फिर भी, जब यीशु इस पृथ्वी के ऊपर ही थे, तो शब्द "चेले" और "प्रेरित" कुछ सीमा तक एक दूसरे के लिए उपयोग होते थे।

वास्तविक बारह चेले/प्रेरितों की सूची मत्ती 10:2-4 में दी गई है, "इन बारह प्रेरितों के नाम ये है: पहला शमौन, जो पतरस कहलाता है, और उसका भाई अन्द्रियास; जब्दी का पुत्र याकूब और उसका भाई यूहन्ना; फिलिप्पुस और बरतुल्मै, थोमा और महसूल लेने वाला मत्ती, हलफई का पुत्र याकूब और तद्दै, शमौन कनानी, और यहूदा इस्करियोती जिसने उसे पकड़वा भी दिया।" इसी के साथ बाइबल बारह चेलों/प्रेरितों की सूची मरकुस 3:16-19 और लूका 6:13-16 में भी देती है। इन तीनों संदर्भों की तुलना नामों में थोड़ा सी भिन्नता को दिखाते हैं। ऐसा जान पड़ता है कि तद्दै को, "याकूब के बेटे यहूदा (लूका 6:16) और अंग्रेजी बाइबल के अनुसार लिबुईयुस (मत्ती 10:3) के नाम से भी जाना जाता था। शमौन जेलोती को शमौन कनानी के नाम से भी जाना था (मरकुस 3:18)। यहूदा इस्करियोती जिसने यीशु से विश्वासघात किया, के स्थान को बारह प्रेरितों में मत्तियाह ने लिया (देखिए प्रेरितों के काम 1:20-26)। कुछ लोग यह विश्वास करते हैं कि मत्तियाह एक "अप्रमाणिक" प्रेरित है और विश्वास करते हैं कि पौलुस परमेश्वर का चुनाव था जिसने यहूदा इस्करियोती का स्थान बारहवें प्रेरित के रूप में लिया।

बारह चेले/प्रेरित साधारण लोग थे, जिन्हें परमेश्वर ने असाधारण तरीके से उपयोग किया। बारहों में मछुआरे, एक चुंगी लेने वाला और एक क्रांतिकारी था। सुसमाचार इन बारहों लोगों की निरन्तर असफलता, संघर्ष और सन्देहों का विवरण देता है, जिन्होंने यीशु मसीह का अनुसरण किया। यीशु के जी उठने और स्वर्ग में स्वर्गारोहण को देख लेने के पश्चात्, पवित्र आत्मा ने चेलों/प्रेरितों को परमेश्वर के सामर्थ्यशाली लोगों में परिवर्तित कर दिया जिन्होंने संसार को उल्ट पुल्ट कर दिया (प्रेरितों के काम 17:6)। क्या परिवर्तन आया था? बारह प्रेरित और चेले "यीशु के साथ रहे" थे (प्रेरितों के काम 4:13)। ऐसा ही हमारे लिए भी कहा जाए!

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यीशु मसीह के बारह (12) चेले/प्रेरित कौन थे?
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